श्राद्ध कर्म के लिए पुत्र आवश्यक नहीं
मान्यता है कि मरने के बाद मोक्ष पाने के लिए पुत्र द्वारा पिंडदान करना जरूरी है और हर बात का सार यही है कि पुत्र न हो तो नरक में जाना तय है। श्राद्ध से मनुष्य स्वर्ग...
View Articleशाम को भोग लगाकर पितृ को दें बिदाई
श्राद्ध पक्ष पूर्णिमा से लेकर अमावस्या तक माना गया है। इस अमावस्या को सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या से कहा जाता है। श्राद्ध यानी श्रद्धा से अपने पितृजनों को यथाशक्ति जो उन्हें पसंद हो बनाकर अग्नि में उनके...
View Articleपितृदोष का सबसे सरल उपाय श्राद्ध
जिस कुंडली में दशम भाव में सूर्य-राहु साथ हो तो उसमें पितृदोष माना जाता है। वहीं चतुर्थ भाव में हो तो मातृदोष माना जाएगा। तृतीय भाव में भाई, द्वितीय में कुटुंबजनों का दोष माना जाता है।
View Articleसांझी पर्व
हमारा देश त्योहारों का देश है। समय-समय पर अनेक त्योहार मनाकर हम अपनी सांस्कृतिक पहचान बनाए रखते हैं। इन्हीं त्योहारों में एक खास पर्व 'सांझी पर्व' है। यह मालवा व निमाड़ अंचल का प्रमुख पर्व है, जो...
View Articleपितृपक्ष में ही श्राद्ध क्यों?
आश्विन कृष्ण प्रतिपदा से लेकर अमावस्या तक ऊपर की रश्मि तथा रश्मि के साथ पितृप्राण पृथ्वी पर व्याप्त रहता है। श्राद्ध की भूलभूत परिभाषा यह है कि प्रेत और पित्त्तर के निमित्त, उनकी आत्मा की तृप्ति के लिए...
View Articleश्राद्धकर्म देवकर्म के समान ही शुभ !
मृत्यु पश्चात दाहकर्म के बाद मृतात्मा को सबसे पहले दशगात्र पिंड दिए जाते हैं। इसके पीछे मान्यता है कि यह शरीर का सूक्ष्म रूप (परिमाण अंगुष्ठ मात्र) होता है और मृतात्मा लोकांतर जाती है। जिसका श्राद्ध...
View Articleसुरीले भी होते हैं पहाड़ी कौए!
कौआ! और सुर में! सभी कौए कर्कश नहीं होते। हिमालय क्षेत्र में पाया जाने वाला पहाड़ी कौआ बेहद सुरीला होता है। सुबह नींद से जागते ही बिस्तर पर चाय और अखबार मिल जाएँ, पास के किसी। पेड़ पर से कोयल की सुरीली...
View Articleकौए पर गढ़ी दिलचस्प कहावतें
कोयल, काले कौए की जोरू! नहीं भई कोयल और कौए में पति-पत्नी का रिश्ता नहीं। यह तो मात्र कहावत है जो दो समान रूप से बुरी, असुंदर वस्तु या व्यक्ति के लिए कही जाती है। बेचारा कौआ इतना बदनाम हुआ कि इसे लेकर...
View Articleसुखी रहना है तो खुशी से करें पितरों को बिदा
सर्वपितृ मोक्ष अमावास्या अबकी बार सोमवार 29 सितंबर को पड़ रही है। इस दिन उनका श्राद्ध किया जाता है जो अमावस्या के दिन गुजर जाते हैं और उनका भी जिनके गुजरने की तिथि मालूम नहीं रहती। इस दिन प्रात: वे सभी...
View Articleश्रद्धा से करें श्राद्ध
जो श्रद्धा से दिया जाए, उसे श्राद्ध कहते हैं। श्रद्धा और मंत्र के मेल से जो विधि होती है, उसे श्राद्ध कहते ळहैं। विचारशील पुरुष को चाहिए कि संयमी, श्रेष्ठ ब्राह्मणों को एक दिन पूर्व ही निमंत्रण दे दें,...
View Articleइस बार 15 दिन का श्राद्ध पक्ष
मान्यता और परंपरा के अनुसार श्राद्घ पक्ष को सोलह दिन का माना जाता है, लेकिन पंचांग तिथियों की घट-बढ़ के कारण इसके दिन कम-ज्यादा होते रहते हैं। इस वर्ष श्राद्घ पक्ष पंद्रह दिन का रहेगा। अनंत चतुर्दशी के...
View Articleश्रद्घा का श्राद्घपक्ष शुरू
पितरों के प्रति कृतज्ञता और श्रद्घा व्यक्त करने का पर्व श्राद्घपक्ष शुक्रवार से शुरू हो रहा है। 4 सितंबर को पूर्णिमा के श्राद्घ के साथ शुरू हो रहे श्राद्घपक्ष 18 सितंबर तक चलेंगे। द्वादशी तिथि का क्षय...
View Articleपितर नहीं हो पाए हाईटेक
पटना से दक्षिण में 97 किलोमीटर दूर स्थित है गया। यहाँ पर हर साल पितृपक्ष में फल्गू नदी के तट पर विशाल मेला आयोजित होता है, जहाँ देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु अपने पितरों के तर्पण के लिए आते हैं। ऐसी...
View Articleमालव कन्याओं का भावना प्रधान पर्व सांझी
कला की अभिव्यक्ति जब धर्म के माध्यम से की जाती है तब वह कृति पवित्र और पूजनीय हो जाती है। धर्म ने कला को गंभीरता दी है तो कला ने भी धर्म पर अपने सौंदर्य को न्यौछावर करने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। धर्म...
View Articleगया से कम नहीं है सिद्धवट का महत्व
मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन के सिद्धवट घाट पर श्राद्ध पक्ष के दौरान पितरों की शांति, तर्पण और श्राद्ध करने का उतना ही महत्व माना गया है जितना की बिहार के गया तीर्थ में श्राद्ध करने से होता है।...
View Articleपिंडदान मोक्ष प्राप्ति का सरल मार्ग
'पिंड' शब्द का अर्थ होता है 'किसी वस्तु का गोलाकार रूप'। प्रतीकात्मक रूप में शरीर को भी पिंड कहा जाता है। मृतक कर्म के संदर्भ में ये दोनों ही अर्थ संगत होते हैं, अर्थात इसमें मृतक के निमित्त अर्पित किए...
View Articleश्राद्ध पक्ष में आशीर्वाद लें पितरों का
पितृ एवं कुलदेवी अथवा कुल भैरव प्रत्येक कार्य में अग्रणी होते हैं। इनका पूजन एवं आह्वान सर्वप्रथम किया जाता है। हिन्दी शास्त्रों एवं हिन्दू मतानुसार किसी भी पूजन के पहले पितृ श्राद्ध, पितृ तर्पण अथवा...
View Articleश्राद्ध के लिए ज्ञानी पंडितों की दरकार
पितरों के श्राद्ध एवं तर्पण का सोलह श्राद्ध पक्ष इन दिनों चल रहा है। हिंदू परिवारों में इन दिनों अपने पूर्वजों की पुण्य तिथि पर विशेष पितृ यज्ञ किया जाता है। इसके लिए सनातन वैदिक विधि से विद्वान वेदज्ञ...
View Articleसुहागिनों का श्राद्ध व तर्पण 13 को
पितृ पक्ष की नौवीं तिथि को सुहागिन महिलाओं का श्राद्ध व तर्पण किया जाएगा। यह तिथि रविवार 13 सितंबर को पड़ेगी, क्योंकि श्राद्ध के लिए उदयातिथि की मान्यता है, इसीलिए रविवार को ही श्राद्ध व तर्पण किया जाना...
View Articleपितृपक्ष अमावस्या पर करें पितृ श्राद्ध
पितृपक्ष की अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या कहते हैं। इस तिथि पर कुल के सर्व पितरों को उद्देशित कर श्राद्ध करते हैं। वर्षभर में सदैव व पितृपक्ष की अन्य तिथियों पर श्राद्ध करना संभव न हो, तब भी इस तिथि पर...
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