श्राद्ध पक्ष पूर्णिमा से लेकर अमावस्या तक माना गया है। इस अमावस्या को सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या से कहा जाता है। श्राद्ध यानी श्रद्धा से अपने पितृजनों को यथाशक्ति जो उन्हें पसंद हो बनाकर अग्नि में उनके नाम से होम करते हैं। कहते हैं भगवान वासना
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