पितृ एवं कुलदेवी अथवा कुल भैरव प्रत्येक कार्य में अग्रणी होते हैं। इनका पूजन एवं आह्वान सर्वप्रथम किया जाता है। हिन्दी शास्त्रों एवं हिन्दू मतानुसार किसी भी पूजन के पहले पितृ श्राद्ध, पितृ तर्पण अथवा उनके लिए नांदीश्राद्ध करना चाहिए। यहाँ तक कि आपके ...
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