श्राद्ध पक्ष में सुगंधित धूप से मुक्त होते हैं पितर
हिंदू धर्म में धूप, दीप, चंदन, कुमकुम, अष्टगंध, जल, अगर, कर्पूर, घृत, गुड़, घी, पुष्प, फल, पंचामृत, पंचगव्य, नैवेद्य, हवन, शंख, घंटा, रंगोली, मांडना, आंगन-अलंकरण, तुलसी, तिलक, मौली (कलाई पर बांधा जाने...
View Articleश्राद्ध पक्ष में कैसे दें धूप कि पितरों को तृप्ति मिले
हिंदू धर्म में धूप देने और दीप जलाने का बहुत ज्यादा महत्व है। सामान्य तौर पर धूप दो तरह से ही दी जाती है। पहला गुग्गुल-कर्पूर से और दूसरा गुड़-घी मिलाकर जलते कंडे पर उसे रखा जाता है। गुड़ और घी से दी...
View Articleश्राद्ध करने की सबसे सरल विधि....16 बातें जरूर पढ़ें
श्राद्ध पक्ष आरंभ हो चुका है। हिन्दू धर्म को मानने वाले हर व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह अपने पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध अवश्य करें। श्राद्ध करने से श्रद्धा उत्पन्न होती है। आइए जानें श्राद्ध करने की...
View Articleश्राद्ध करते समय में क्या करें, क्या नहीं (10 बातें)
श्राद्ध में कुछ वस्तुओं का विशेष महत्व है तथा कुछ का निषेध है। आइए जानें 10 महत्वपूर्ण बातें....
View Articleश्राद्ध के 4 विशेष मंत्र : जानिए, कौन सा मंत्र कितनी बार पढ़ें
हमारे धार्मिक कार्यों की पूर्णता बगैर मंत्र के नहीं होती है। श्राद्ध में भी इनका विशेष महत्व है। सूक्त कई हैं। दो का उल्लेख पर्याप्त होगा। पहला है पुरुष सूक्त तथा दूसरा है पितृ सूक्त। इनके उपलब्ध न...
View Articleश्राद्ध में बहुत जरूरी है यह संकल्प मंत्र
हर गृहस्थ को चाहिए कि वह द्रव्य से देवताओं को, कव्य से पितरों को, अन्न से अपने बंधुओं-अतिथियों तथा भिक्षुओं को भिक्षा देकर प्रसन्न करें। इससे उन्हें यश, पुष्टि तथा उत्तम लोकों की प्राप्ति होती है।
View Articleश्राद्ध में क्या है पंचबलि कर्म, 5 स्थानों पर क्यों रखते हैं आहार
श्राद्ध में ब्राह्मण भोजन तथा पंचबलि कर्म किया जाता है। पंचबलि में पांच स्थानों पर भोजन रखा जाता है। वे हैं-
View Articleश्राद्धपक्ष 16 दिन ही क्यों मनाया जाता है?
पितृपक्ष पूर्णिमा से अमावस्या तक 16 दिन का होता है। धर्मशास्त्रों के अनुसार हमारी मान्यता है कि प्रत्येक की मृत्यु इन 16 तिथियों को छोड़कर अन्य किसी दिन नहीं होती है। इसीलिए इस पक्ष में 16 दिन होते...
View Articleश्राद्ध पक्ष में खरीदी शुभ या अशुभ, जरूर पढ़ें
पितरों का पृथ्वी पर आना अशुभ कैसे हो सकता है? वे अब सशरीर हमारे बीच नहीं है किसी और लोक के निवासी हो गए हैं अत: वे पवित्र आत्मा हैं। उनका सूक्ष्म रूप में आगमन हमारे लिए कल्याणकारी है। जब हमारे पितृ...
View Articleक्यों करते हैं श्राद्ध, क्यों होती है पितृपूजा
श्राद्ध करने से कुल में कोई दुखी नहीं रहता। पितरों की पूजा करके मनुष्य आयु, पुत्र, यश, स्वर्ग, कीर्ति, पुष्टि, बल, श्री, पशु, सुख और धन-धान्य प्राप्त करता है। देवकार्य से भी पितृकार्य का विशेष महत्व...
View Articleश्राद्ध पक्ष की प्रासंगिकता पर पढ़ें विशेष आलेख...
यह शब्द 'श्रद्धा' से बना है। ब्रह्म पुराण (उपर्युक्त उद्धृत), मरीचि एवं बृहस्पति की परिभाषाओं से यह स्पष्ट है कि श्राद्ध एवं श्रद्धा में घनिष्ठ संबंध है। श्राद्ध में श्राद्धकर्ता का यह अटल विश्वास रहता...
View Articleश्राद्ध में क्या करें-क्या न करें, पढ़ें 6 काम की बातें
श्राद्ध में दूध, दही और घी पितरों के लिए विशेष तुष्टिकारक माने जाते हैं। श्राद्ध किसी दूसरे के घर में, दूसरे की भूमि में कभी नहीं किया जाता है। जिस भूमि पर किसी का स्वामित्व न हो, सार्वजनिक हो, ऐसी...
View Articleक्या पितृदोष कुंडली का महादोष है : जानिए लक्षण व कारण
यदि किसी घर में आय की अपेक्षा खर्च बहुत अधिक होता है, कुटुंब के लोगों के विचार नहीं मिल पाते जिसके कारण घर में झगड़े होते रहते हैं, अच्छी आय होने पर भी घर में बरकत नहीं होती जिसके कारण धन एकत्रित नहीं...
View Articleश्राद्ध कर्म की सरल शास्त्रोक्त प्रामाणिक विधि
हर विधि का एक विधान होता है। यदि कर्मकांड को उचित विधि से किया जाए तो ही उसका सही फल प्राप्त होता है। तो आइए जानते हैं कि श्राद्ध कर्म की उचित शास्त्रोक्त विधि के बारे में विस्तार से...
View Articleश्राद्ध पक्ष के इन 7 नियमों का पालन करें, पितरों को प्रसन्न करें
पितृपक्ष में अपने पितरों के निमित्त जो अपनी शक्ति सामर्थ्य के अनुरूप शास्त्र विधि से श्रद्धापूर्वक श्राद्ध करता है, उसके सकल मनोरथ सिद्ध होते हैं,और घर, परिवार व्यवसाय तथा आजीविका में हमेशा उन्नति होती...
View Articleश्राद्ध पक्ष में ऐसे होते हैं पितृ प्रसन्न, पढ़ें शास्त्रोक्त तर्पण विधि
प्रत्येक मनुष्य की इच्छा रहती है कि वह एवं उसका परिवार सुखी एवं संपन्न रहें। मनुष्य को अपनी इस इच्छा को पूरा करने के लिए देवता के साथ-साथ अपने पितरों का भी पूजन करना चाहिए।
View Articleआपके पितृ को प्रसन्न करेगा यह व्यंजन, अवश्य पढ़ें...
अगर आपके माता-पिता, दादा-दादी, भाई-बहन या अन्य कोई भी पारिवारिक सदस्य हो जिन्हें पूरनपोळी खाना बहुत पसंद थी तो इस पितृपक्ष में उनका तर्पण करते समय उनका पसंदीदा भोजन अवश्य बनाएं।
View Articleपितृ पक्ष के व्यंजन : आटे की रस मलाई...
आटे को घी में गुलाबी भूनकर शक्कर और 1 गिलास पानी डालकर गाढ़ा हलवा तैयार करें। दूध को शक्कर और केसर के धागे डालकर आधा रहने तक उबालें। इसे ठंडा होने दें।
View Articleश्राद्ध विशेष : किन पितरों का श्राद्ध कब करें
जिन व्यक्तियों की सामान्य एवं स्वाभाविक मृत्यु चतुर्दशी को हुई हो, उनका श्राद्ध चतुर्दशी तिथि को कदापि नहीं करना चाहिए, बल्कि पितृपक्ष की त्रयोदशी अथवा अमावस्या के दिन उनका श्राद्ध करना चाहिए। पढ़ें...
View Articleइस श्राद्ध पक्ष में पितृ भोग में बनाएं मखाने की खीर
सबसे पहले एक कड़ाही में घी गरम करके मखानों को भून लें। तत्पश्चात भूनें मखानों को प्लेट में निकाल कर ठंडे होने दें, फिर उसे कूट लें।
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