त्योहार के व्यंजन : लजीज मालपुआ
सबसे पहले मैदा छानकर उसमें 2 चम्मच तेल का मोयन मिला कर दूध तथा सौंफ डालकर गाढ़ा घोल तैयार कर लें। अब एक बर्तन में चीनी, नींबू रस और पानी डालकर चाशनी तैयार कर लें।
View Articleश्राद्ध के पकवान : मावे की केसरिया राजशाही खीर
सबसे पहले खीर बनाने से एक-दो घंटे पूर्व चावल धोकर पानी में गला दें। अब दूध को मोटे तले वाले बर्तन में लेकर गरम करके 10-15 उबाल लेकर पका लें। अब चावल का पूरा पानी निथार कर दूध में डाल दें। बीच-बीच में...
View Articleश्राद्ध के महत्व पर ऋषि-महर्षियों के वचन...
महर्षि सुमन्तु ने श्राद्ध से होने वाले लाभ के बारे में बताया है कि 'संसार में श्राद्ध से बढ़कर कोई दूसरा कल्याणप्रद मार्ग नहीं है। अतः बुद्धिमान मनुष्य को प्रयत्नपूर्वक श्राद्ध करना चाहिए। श्राद्ध की...
View Articleश्राद्ध पक्ष में यह दान देने से पितृ होंगे प्रसन्न...
श्राद्ध पक्ष के दौरान हर गृहस्थ को द्रव्य से देवताओं को, कव्य से पितरों को, अन्न से अपने बंधुओं, अतिथियों तथा भिक्षुओं को भिक्षा देकर प्रसन्न करें। इससे उसे यश, पुष्टि तथा उत्तम लोकों की प्राप्ति होती...
View Articleजानिए कौन-कौन हैं श्राद्ध करने के अधिकारी
अपने परिवार के कल्याण हेतु पितरों का श्रद्धापूर्वक तर्पण करना चाहिए। यदि उन्हें सम्मानपूर्वक तर्पण मिलता है तो वे गृहस्थ वंशज को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। यदि उन्हें कुछ नहीं मिलता और वे निराश...
View Articleश्राद्ध पक्ष में कैसे दें पितरों को धूप...
हिन्दू धर्म में गुड़ और घी से दी जाने वाली धूप का बहुत महत्व माना गया है। आप इसे एकदम सरल तरीके से दैनिक उपयोग में ला सकते हैं।
View Articleश्राद्ध पक्ष में पित्तरों को प्रसन्न करने के लिए घर में करें ये उपाय
श्राद्ध महालय पक्ष में पितरों के निमित्त घर में क्या कर्म करना चाहिए। यह जिज्ञासा सहजतावश अनेक व्यक्तियों में रहती है। यदि हम किसी भी तीर्थ स्थान, किसी भी पवित्र नदी, किसी भी पवित्र संगम पर नहीं जा पा...
View Articleधूप देने के सरल नियम जानिए
अगर आप किसी कारणवश रोजाना की पूजा-पाठ पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं, घर के देवस्थान में प्रतिदिन अगरबत्ती, दीपक या धूप नहीं दे पा रहे हैं तो हमें तेरस, चौदस और अमावस्या तथा पूर्णिमा को सुबह-शाम धूप अवश्य...
View Articleइन मंत्रों से प्रसन्न होंगे आपके पितृ, अवश्य पढ़ें...
हमारे धार्मिक कार्यों की पूर्णता बगैर मंत्र तथा स्तोत्र के नहीं होती है। श्राद्ध में भी इनका विशेष महत्व है। स्तोत्र कई हैं। दो का उल्लेख पर्याप्त होगा। पहला है पुरुष सूक्त तथा दूसरा है पितृ सूक्त।
View Articleश्राद्ध पक्ष : जानिए शुभ है या अशुभ..., पढ़ें विशेष जानकारी
श्राद्ध पक्ष के दौरान किए जाने वाले कार्यों को लेकर आजकल कई बातें चल रही हैं। बहुत से जजमान इन दिनों में किसी भी प्रकार का शुभ कार्य निषिद्ध बताते हैं तो आधुनिक विचारधारा के कई लोगों का मानना है कि इन...
View Articleपितृ पक्ष में तर्पण के ये हैं खास नियम...
पितरों की आराधना का पर्व पितृ पक्ष माना गया है। अपने दिवंगत पूर्वजों से सुख-शांति की कामना के इस पर्व में उनकी आत्मा की शांति के लिए तर्पण किया जाता है। मान्यता है कि इन दिनों में पूर्वज धरती पर आते...
View Articleजानिए पितृ पर्व पर कैसे करें तर्पण और कब करें श्राद्ध...
काशी के विद्वान पंडितों के मुताबिक तर्पण योग्य ब्राह्मण के मार्गदर्शन में करना चाहिए। तालाब, नदी व अपने घर में व्यवस्था अनुसार जव, तिल, कुशा, पवित्री, वस्त्र आदि सामग्री द्वारा पितरों की शांति, ऋषियों...
View Articleप्रतिदिन धूप देने के ये हैं 5 फायदे...
श्राद्ध पक्ष में 16 दिन ही दी जाने वाली धूप से पितृ तृप्त होकर मुक्त हो जाते हैं तथा पितृ दोष का समाधान होकर पितृयज्ञ भी पूर्ण होता है। अत: हमें घर में धूप अवश्य ही अर्पित करनी चाहिए।
View Articleये हैं श्राद्ध करने की प्रामाणिक विधि, अवश्य आजमाएं...
हर विधि का एक विधान होता है। यदि कर्मकांड को उचित विधि से किया जाए तो ही उसका सही फल प्राप्त होता है। तो आइए जानते हैं कि श्राद्ध कर्म की उचित शास्त्रोक्त विधि के बारे में विस्तार से...
View Articleश्राद्ध पक्ष में अवश्य करें पितृ-सूक्तम् का पाठ...
पितृ-सूक्तम् पितृदोष निवारण में अत्यंत चमत्कारी मंत्र-पाठ है। यह शुभ फल प्रदान करने वाला सभी के लिए लाभदायी है। श्राद्ध पक्ष में पितृ-सूक्त का पाठ संध्या के समय तेल का दीपक जलाकर करने से पितृदोष की...
View Articleश्राद्ध पक्ष : पितरों की तृप्ति से ही सुख-समृद्धि संभव
पितरों की तृप्ति के लिए जो सनातन विधि से जो कर्म किया जाता है उसे श्राद्ध कहते हैं। किसी भी कर्म को यदि श्रद्धा और विश्वास से नहीं किया जाता तो वह निष्फल होता है। महर्षि पाराशर का मत है कि देश-काल के...
View Articleपितृ को प्रसन्न करने के लिए अवश्य पढ़ें पितृ कवच
कृणुष्व पाजः प्रसितिम् न पृथ्वीम् याही राजेव अमवान् इभेन। तृष्वीम् अनु प्रसितिम् द्रूणानो अस्ता असि विध्य रक्षसः तपिष्ठैः॥ तव भ्रमासऽ आशुया पतन्त्यनु स्पृश धृषता शोशुचानः।
View Article11 सरल और सस्ते उपाय, पितृदोष से बचाए...
प्राचीन ज्योतिष ग्रंथों में पितृदोष सबसे बड़ा दोष माना गया है। इससे पीड़ित व्यक्ति का जीवन अत्यंत कष्टमय हो जाता है। जिस जातक की कुंडली में यह दोष होता है उसे धन अभाव से लेकर मानसिक क्लेश तक का सामना...
View Articleश्राद्ध पक्ष में खरीदी शुभ या अशुभ, पढ़ें तथ्यात्मक आलेख
श्राद्ध पक्ष के 16 दिनों में हम अक्सर दो तरह की बातें सुनते हैं। एक तो यह कि इन 16 दिनों में कोई खरीदी नहीं की जानी चाहिए अन्यथा अशुभ होता है और दूसरी यह कि जब हमारे पूर्वज पथ्वी पर हमें आशीर्वाद देने...
View Articleइन लक्षणों से समझें कि आप पितृदोष से पीड़ित हैं...
ज्योतिष में सूर्य को पिता का कारक व मंगल को रक्त का कारक माना गया है। अतः जब जन्मकुंडली में सूर्य या मंगल, पाप प्रभाव में होते हैं तो पितृदोष का निर्माण होता है। इस प्रकार कुंडली से समझा जाता है कि...
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