1. नवमी को जिनका देहांत हुआ है उनका श्राद्ध इस दिन करना चाहिए।
2. सौभाग्यवती महिलाओं का श्राद्ध नवमी के दिन किया जाता है यानी जिसका देहांत अविधवा के रूप में हुआ है।
3. नवमी के श्राद्ध को मातृ श्राद्ध भी कहते हैं। जिन माताओं के देहांत की तिथि ज्ञात नहीं है उनका श्राद्ध इस दिन किया जा सकता है।
4. नवमी के दिन श्राद्ध करने से जातक के सभी कष्ट दूर होते हैं।
5. नवमी तिथि को श्राद्ध करने वाला प्रचुर ऐश्वर्य, सुख, शांति और सौभाग्य को प्राप्त करता है।
6. नवमी का श्राद्ध करने से कुल वृद्धि होती है और माताओं का आशीर्वाद मिलता है।
7. मातृ नवमी का श्राद्ध कर्म करने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
8. इस दिन माता एवं परिवार की सभी स्त्रियों का श्राद्ध किया जाता है। इसे मातृ नवमी श्राद्ध भी कहा जाता है।
9. पंचबलि कर्म अर्थात देव, चींटी, मछली, गाय, कुत्ते और कौवे को अन्न जल देने से पितृदेव प्रसन्न होते हैं।