भरणी श्राद्ध 2022 | Bharani shraddha 2022
1. जब किसी तिथि विशेष को अपराह्न काल के दौरान भरणी नक्षत्र होता है तब इसे भरणी श्राद्ध कहते हैं।
2. पंचमी के दिन भरणी नक्षत्र रहेगा तब भरणी श्राद्ध का महत्व रहेगा। मृत्यु के प्रथम वर्ष के बाद भरणी श्राद्ध अवश्य करना चाहिए।
3. पंचमी तिथि को श्राद्ध करने वाला उत्तम लक्ष्मी की प्राप्ति करता है।
4. जिनकी मृत्यु अविवाहित स्थिति में हुई है उका पंचमी को श्राद्ध करते हैं। इसीलिए इसे कुंवारा पंचमी भी कहते हैं।
5. जो लोग जीवन भर कोई भी तीर्थ यात्रा नहीं कर पाते, उनके लिए मातृगया, पितृगया, पुष्कर तीर्थ और बद्रीकेदार आदि तीर्थों पर भरणी श्राद्ध किया जाता हैं।