कई लोग अपने जीवन में कोई भी तीर्थयात्रा नहीं कर पाते, ऐसे लोगों की मृत्यु होने पर उन्हें मातृ गया, पितृ गया, पुष्कर तीर्थ आदि तीर्थों पर किए गए श्राद्ध का फल मिले, इसके लिए भरणी श्राद्ध
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