पितृ प्रार्थना : 'हे प्रभु मैंने अपने हाथ आपके समक्ष फैला दिए हैं, मैं अपने पितरों की मुक्ति के लिए आपसे प्रार्थना करता हूं, मेरे पितर मेरी श्रद्धा भक्ति से संतुष्ट हो।' ऐसा करने से व्यक्ति को पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है।
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