आज के आपाधापी के माहौल में लोग पितृपक्ष का निर्वाह केवल गोग्रास और ब्राह्मण भोजन करा के ही कर लेते हैं लेकिन जिन पितरों की कृपा से हम आज इस दुनिया में हैं या पद, प्रतिष्ठा एवं धन-ऐश्वर्य के स्वामी बने हैं उनके निमित्त वर्ष में एक-दो बार विशेष समय ...
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